skbainada@gmail.com +918561035806
पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामा...
वो फलक तेरा हो ये ज़मी तेरी हो...
चाँद की चाँदनी सूरज की रौशनी तेरी हो...
तू मुस्कराये तो तेरे साथ कायनात मुस्कुराये...
सारे ज़माने में हस्ती वो तेरी हो....
0 comments:
Post a Comment