Friday 20 September 2019

बदलती जिंदगी

हमारी आखरी पीढ़ी होगी....
बैलगाड़ी ऊँटगाड़ी में बैठ कर मौजी खाने वाली , खेत मे बैल हल चलाते समय कुली काड़ते समय मोजी खाना, ट्रॉली का ढाला पर बैठ कर मैला या बरात में जाना, खेत मे जाते समय तार की बग्गी व बंगड़ चलना, एक साइकिल पर चार चार दोस्त को बैठा कर घूमते रहना , स्कूल की ड्रेस पहन कर रिश्तदारी में जाना, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी में फिल्म मैच सीरियल आदि देखना , सर्दियो में कोउ पर तापना, लेज से कुआँ में से पाणी खिंच कर पीना , धड़ीमार धोखा खेलना ,लंबी घोड़ी व फुसफुस घोड़ी खेलना, खाती छोड़ो व आसपास खेलना गुलाम लाखड़ी, रामलीला देखना ,  साइकिल का सर्कस देखना ये सब करने वाली व देखने वाली ये अपनी पीढ़ी आखरी होगी....

एक गेंद लाने के लिए  सभी दोस्तों से एक एक रुपया उगाना , कपड़े की गेंद बना कर उससे खेलना, स्कूल में बोर्ड पर लिखे शब्दो को मिटाने के लिए डस्टर घर से बना कर ले जाना..काम करने के लिए पासबुक नही होने पर दोस्त से पासबुक मांगना, पेट दर्द का बयाना कर के रेस्ट में घर आ जाना , सुबह शाम अंटा खेलना , चिमनी की रोशनी में पढ़ाई व होमवर्क करना , जब छोटे बच्चे थे तब तीन पहिये के गुढ़कले पैदल पैदल चलना ऐसी कई बाते हैं जो धीरे धीरे खत्म होती जा रही हैं ,
और आनी वाली पीढ़ी तो इन सब खेल व इन बातों को बिल्कुल भूल जायेगी ...
पोस्ट पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया ....
👉सुखदेव
✍️✍️✍️✍️ जय हो ✍️✍️✍️