Wednesday 13 January 2016

चलो भगवान को ढूँढें

आखिरकार मुझे पता लग ही गया कि आपके भगवान और खुदा कहाँ रहते है?
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1. गजराज ( हाथी ) का पैर मगरमच्छ ने पकड़ लिया तो उसने हरि को पुकारा था हरि नंगे पाँव दौड़े आये और मगरमच्छ का वध कर गज को मुक्त कराया।
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2. दुशासन ने द्रोपदी का चीर हरण किया तो उसने भी हरि को पुकारा तब हरि ने आकर उसको भी बचाया।
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3. होलिका ने प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की तो प्रह्लाद ने हरि को पुकारा तब हरि उसको भी बचाने आया था।
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4. गोकुल ग्रामवासियों ने इंद्र के प्रकोप से बचाने हरी को बुलाया, हरी ने गोवेर्धन पर्वत एक उँगली से उठाकर उनको बचाया।
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इन चार बिन्दुओ के अलावा 10-20 बिंदु आप भी जोड़ लेना क्योंकि ऐसे किस्सों की काल्पनिक ग्रन्थों में कमी नहीं है।
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अब वास्तविक घटनाओं पर आते है:-
1. महमूद गजनवी ने भारत पर 17 आक्रमण किये, सोमनाथ का मंदिर लूटा और भयानक मार काट की थी। भक्तो ने फिर भगवान को पुकारा। गजनवी के सैनिक रक्तपात करते रहे लेकिन कोई भगवान नही आया ?
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2. भारत पर हमला करने शक, तुर्क, गौरी, ख़िलजी, तुगलक, सैयद, लोदी, मुग़ल , डच, अंग्रेज़ आये, लेकिन भारत भुमि को लम्बी गुलामी से बचाने कोई हरी नहीं आये ?????
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3. औरंगज़ेब ने आपके भक्तों को मार मार मुसलमान बनाया, लेकिन कोई हरि सहायता को नहीं आये ??
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4. जब हर साल हजारों की संख्या में औरतों से बलात्कार होते है तब वो ईश्वर की दुहाई देकर बचने का प्रयास करती है लेकिन भगवान सिर्फ द्रोपदी की तरह उनकी लाज बचाने कभी नहीं आते है।
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5. जब केदारनाथ में प्रलय आ गयी , 20000 भक्त मारे गए। भक्त फिर भगवान को सहायता के लिए पुकारते रहे लेकिन कोई भगवान नही आया। भक्त मरते रहे और भगवान देखते रहे!!
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6. मक्का में लोग भगदड़ में मर गए लेकिन कोई अल्लाह नहीं आया बचाने।
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7. सीरिया में लोग मर रहे है लेकिन कोई अल्लाह बचाने नहीं आ रहा है।
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8. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमलें को रोकने कोई ईसा मसीहा नहीं आया।
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9. जब नेपाल में भूकंप आया । भक्त फिर भगवान से प्रार्थना करने लगे लेकिन कोई भगवान नही आया बचाने ।
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10. इससे पहले भी सुनामी, भूकंप, दंगे-फसादों या कोई अन्य त्रासदी होने पर भी सब ईश्वर को पुकारते रहे लेकिन कभी कोई भगवान नही आया।
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11. लादेन, बगदादी, दाऊद जैसे मानवता के विरोधियोँ को रोकने भगवान कभी नहीँ आता है।
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उपर्युक्त बातों से क्या सिद्ध होता है?
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इससे सिर्फ एक ही बात सिद्ध होती है कि भगवान बचाने को तो जरुर आता है लेकिन सिर्फ काल्पनिक किस्से कहानियों में आता है।
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अब अगला सवाल होता है कि भगवान कब सहायता करने आता हैं ?
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सीधी सी बात है जब उच्च कोटि का लेखक काल्पनिक कहानी लिखता है तो वो कुछ पात्रों को ईश्वर का नाम देता है और वो पात्र केवल उसी कहानी में मदद करने का रोल अदा करता है।
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अगला सवाल है कि भगवान किसकी मदद करता है?
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निष्कर्ष कहता है कि भगवान पौराणिक कथाओं के सिर्फ अपने जैसे ही काल्पनिक पात्रों की रक्षा करता हैं।
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अगला सवाल यह है कि भगवान कहाँ रहता है ?
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ईश्वर का अस्तित्व मानव मस्तिष्क के अलावा कहीं नहीं है। वो कुछ लोगों के दिमाग में डर के रूप में बसे होने के अतिरिक्त मिथकीय (झूठे) किस्से कहानियों में ही रहता है।
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इन तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष यह निकलता है की यथार्थ और वास्तविकता के धरातल पर न तो कभी किसी ने ईश्वर को देखा है और ना ही कभी कोई भगवान किसी की मदद आयें है। ये केवल काल्पनिक कहानियों के काल्पनिक पात्र है। धर्म-ईश्वर-भगवान-अल्लाह-स्वर्ग-नरक-जन्नत जैसे शब्दों का चयन केवल लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए किया गया।

सुखदेव मीणा बैनाड़ा
SuKhDeV mEeNa bAiNaDa
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