Sunday 14 January 2018

अजब-गजब संस्कृति और दिखावा

#अजब गजब #संस्कृति और #दिखावा
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पैदा होते ही बेटा हुआ तो कुआं पूजन , बेटी हुई तो - या होई है चुडेल ।
माँ-बाप के लिए दोनो  बेटा समान , शादी होते ही  न्यारा , बडा बेटा रखेगा माँ को , छोटा बेटा बाप को , कर दिया अलग अलग , न्यारा तो एक दिन होना ही है ।
बहु घूघट मे गाली दे तो संस्कृति , घूघट ना रखकर बाप समान इज्जत दे तो , पडौसियो के ताने , क्योंकि संस्कृति ।
किसी गरीब के बच्चे के लिए 5000 रूपये पढाई के लिए देने बाला कोई नही, लेकिन नुक्ते के लिए 50000 हजार देने बाले हजारों , संस्कृति है भैया ।
अनपढ़ बेटी के लिए रिश्ता ढूंढ़ने मे पाँच साल लगा दिये , किसी की बेटी को जयपुर पढने भैज दिया तो ताने , बिगड़ जायेगी । संस्कृति ।
भैंस ने दुध नही दिया , दुध फट गया , बेटा नौकरी नही लगा , बुखार , पेट मे दर्द , अऊत , भूत , जिंद , सबका उपचार है , झाडा फूख । या फिर बालाजी के पाँच किलो घी । संस्कृति ।
आदमी दिनभर ताश खैलौ दुकान या चौराहे पर , घर मे सही ढंग की सब्जी ना बणी तो पिटाई , संस्कृति - क्योंकि बामणा का ने कही है पति परमेश्वर होता है ।
बच्चे सर्दी मे ठिठरते रहो , लेकिन बाप शाम को दारू अवश्य पियेगा । सोमरस है भैया , वेदों मे लिखा है ।
बेटा किसी की लड़की को भले घर ही ले आऔ , बेटी तो नज़र निचे करके ही जायेगी । क्योंकि संस्कृति है भैया । और फिर अपणा तो बेटा है , बेटी बाडा जाणै ।
जितना प्रचार किसी गरीब के बेटे का नौकरी लगने पर नही होता , उससे ज्यादा प्रचार 500 रूपये तीन पत्ती मे जीतने बाले का होता है ।
गरीब की लुगाई प्रसब पीडा मे मर जाये , कोई बडी बात नही । अमीर की भैंस ने दुध नही दिया , हजारों आदमी डाँक्टर बणकर पहुँच जायेंगे ।
ससुर , बहु को गाली देकर घर से निकाल देगा , कोई बडी बात नही । लेकिन बहुत ने शर्ट की जगह सिर्फ कब्जा या ब्लाउज पहन रखा है । पूरे गाँव मे प्रचार होगा । संस्कृति है ।
बूढ़े माँ-बाप को कोई रोटी मत दो , मकान से निकालकर टूटे छप्पर मे डाल दो , बच्चों की शादी के समय आनन फानन मे नहला धुलाकर समाज के सामने ढोग कर दो , बहु बेटी खूब गाली दो , कोई नही बोलेगा । लेकिन मरने पर यदि नुक्ता ना किया तो ताने देकर 10 साल बाद भी करा लेगे । संस्कृति ।
बहु यदि महाडायन है किसी ने गलती से कुछ कह दिया , कर दिया केस , दहेज का । सब गाली देणे आ जायेंगे , बिना मामले को समझे । लेकिन बहु दिनभर माँ-बाप से मीठी मीठी गाली देने पर सब चुपचाप । संस्कृति ।
भात जामणा , 30 लूगडी , 15 बेस , और 25 धौती । पहनेगा कोई नही । लेकिन भेजना जरूर पडेगा । पता सबको है ये व्यर्थ है लेकिन किसी ने बोल दिया तो - छौरा पिढ्यौ तो है पण गुण्यौ कौन । संस्कृति ।
घर मे पल्सर खडी है चलाणे के लिए , लेकिन बहु बेटी रात मे निकलती है झाडियो मे शौच के लिए । (खैर शौचालय निर्माण और इसके महत्व मे हमारा समाज बहुत आगे है इसका हमे गर्व है )
भाई के बेटों को कभी दो रूपये नही लगाये पढाई के लिए , लेकिन भाई जमीन बिकने पर , खरीदकर , पूरा श्रेय ले लेगे ,।
बडे भाईसाहब ने छौटो को पढाकर पूरी जिंदगी दाव पर लगा दी , लेकिन छोटे की लुगाई आते ही , कभी भाई बच्चों को दो रूपये ना दे सका । पत्नी व्रता नारा है भैया । खुद के भी बच्चे है ।
लड़का खुले सांड की तरह चौराहे पर लड़की छेडता हो कोई बुराई नही । लड़की ने जींस क्या पहन लिया , माँ-बाप का मरण आ गया ।
समाज मे पटेलो ने पंचायत से शादी मे dj बंद करा दिये , लेकिन दहेज खुले आम चालू रहेगा ।
किसी महिला का सुड्डा गायन फूहड हो गया , लेकिन टीबी मे चड्डी पहने हिरोईन फूहड नही शान है ।
किसी औरत का पति मर गया तो उसपर हर तरीके के इल्जाम लगाने हजारों पहुँच जायेंगे , तरह तरह की बातें करेंगे , लेकिन उसकी सहायता की बारी आई तो काम के बदले काम । वाह रे भगवान ।
माँ-बाप ने अपने खून पसीने से बेटे को दिल्ली मे अफसर बणा दिया , और बेटे ने एक पल बोल दिया - तुममे दिमाग नही है चुपचाप भगवान् का नाम लो , ।
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चाहे शब्द गलत हो ये मेघ-कलम के लेकिन भावना गलत ना हो सकती .,........
दक्षिण भारत से सिर्फ लेखन ही सही, धरातलीय समाजसेवा नही हो सकती .....,!

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