Thursday 1 September 2016

जय भीम: जय भारत

बहुत हो चुकी है बर्बादी l
सोच भुला दो अब मनुवादी ll
मंदिर और शिवालय छोड़ो l
विद्यालय से नाता जोड़ो ll
संविधान को सब अपनाओ l
बाबा की धुनि मे धुनि लाओ ll
बाबा ने उपहार दिये हैं l
जीने के अधिकार दिये हैं ll
नारी को सम्मान दिया है l
भारत को संविधान दिया है ll
भाषण की आजादी दी है ।
आरक्षण व खादी दी है ll
हम बाबा को भूल गये हैं l
अपने मद मे झूल गये हैं ll
भीम मिशन से मुख मोड़े हैं l
बाबा के सपने तोड़े हैं ll
हम कितने खुद कामी निकले l
कितने नमक हरामी निकले ll
बाबा ने थी जॉब दिलायी l
हमने रामायण पढ़वायी ll
अमरनाथ यात्रा कर आये l
घर में वामन खूब जिमाये ll
घूम के आये वैष्णों माता l
घर पर करवाया जगराता ll
हर महीना गंगा पर जाते l
हर पूर्णिमा हवन कराते ll
हाथ कलावा बांधे फिरते l
लंम्बा तिलक लगाके चलते ll
सत्संगों मे लुटने जाते l
मंदिर में हैं धक्के खाते ll
ये अपनों को भूल गये हैं l
खुदगर्जी मे झूल गये हैं ll
पाखंडो से नाता तोड़ो l
बौद्ध धम्म से खुद को जोड़ो ll
बच्चों को अच्छी शिक्षा दो l
उनको बौद्धधम्म दीक्षा दो ll
आधिकारों को लड़ना सीखो l
अब दुश्मन से भिड़ना सीखो ll
शेरों से दुनिया डरती है l
बकरों पर छूरी चलती है ll
अब शेरों साहस दिखा दो l
अपना भी इतिहास बना दो ll
भीम मिशन साकार बना दो l
दिल्ली में सरकार बना दो ll
जय भीम जय भारत

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