Sunday, 12 August 2018

आज मौसम सुहाना है...👍

किताबे-शौक़ में क्या-क्या निशानियाँ रख दीं
कहीं पे फूल, कहीं हमने तितलियाँ रख दीं।

कभी मिलेंगी जो तनहाइयाँ तो पढ़ लेंगे
छुपाके हमने कुछ ऐसी कहानियाँ रख दीं।

यही कि हाथ हमारे भी हो गए ज़ख़्मी
गुलों के शौक में काँटों पे उंगलियाँ रख दीं।

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