रिश्तें निभाना हर किसी के बस की बात नहीं,
खुद को तोड़ा है कई बार मैंने किसी और को बनाने के लिए !!
👉👉👉👇👇👇😎😔😨😢
गलतियों से जुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
दोनों इंसान है, खुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं;
तू मुझे और मैं तुझे इलज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता, तू भी नहीं मैं भी नहीं;
गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियाँ,
वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं;
अपने अपने रास्तों पे दोनों का सफ़र जारी रहा,
एक पल को रुका तू भी नहीं मैं भी नहीं;
चाहते दोनों बहुत एक दुसरे को है मगर,
ये हकीकत मानता तू भी नहीं मैं भी नहीं.......!!!!
(उम्मीद करता हूँ जिनके लिए लिखा है वो समझ गए होंगे)
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